"ऐ जिंदगी"
कभी कभी ज़िंदगी में हम कितने भी समझदार क्यों ना हो कुछ बातों में हमें नासमझ ही समझा जाता है कई बार हम अपनों के लिए कुछ भी क्यों ना करें हमें बेवजह ही गुनाहगार बताया जाता है और नासमझ लोगों का तो अलग ही रुतबा है यहां वह गलती करके भी बेकसूर होते हैं जबकि समझदार लोग बेकसूर होकर भी कसूरवार ठहराए जाते हैं बिंदु अनुराग