जन्म दिन विशेष - स्वामी विवेकानन्द
(12.01.1863)
एक सुंदर, सकारत्मक, सार्थक विचार लो और उस विचार को अपना जीवन बना लो।
उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो। बाकी सभी विचारों को एक ओर किनारे रख दो। सफ़लता का यही एक मूल मंत्र है।
- स्वामी_विवेकानन्द
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