॥ महा मृत्युंजय मन्त्र ॥
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
॥ महा मृत्युंजय मन्त्र का अर्थ ॥
समस्त संसार के पालनहार
भगवान शंकर की हम पूजा करते हैं,
जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं,
जो सम्पूर्ण जगत का पालन पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं,
उनसे हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए ।।
* महा मृत्युंजय मन्त्र जपने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
* स्नान करते समय इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
* कहा जाता है कि यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी असीम कृपा प्राप्त करने का माध्यम है ।
* महा मृत्युंजय मन्त्र जपने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
* इस मंत्र का निरंतर जप करने से अकाल मृत्यु तक को टाला जा सकता है ।
हरहर महादेव जय महाकाल भोलेनाथ
शिव महादेव महाकाल भोलेनाथ शंकर शंभू सोमवार
बोलो भोले बाबा की जय
भोले बाबा की जय
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़