आज फिर आप की कमीसी है,,!!
आज फिर आप की कमी सी है
चले आवो ,ना जाने कबतक जिंदगी है,,
ओ 'तेरी आँखो से छलकता जाम,वो मदहोशी ,
आज भी जिंदगी एक मयखाना है,,
आज भी आंखोमे वो नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है,,
तुम्हारे ही वजुद में,अक्सर मैने तराशा खुद को,
गुजर गया वो पल,पर वो दर्द आज भी सीने मे कैद है
वो हसी 'तेरी मेरी आँखो में कही गुम है,,
आज भी आप की कमी सी है,,,
समझना पाये आप,,और हम कह ना पाये,,
नजरोसे बाते करना,,ये तो आप का हुन्नर है,,
वही मुकाम पे जिंदगी आज भी ठहरी है,,
आज भी आप की कमीसी है,,,
चले आवो ना जाने कबतक जिंदगी है,,