यूं भी सोचता हूं कि क्या क्या सोचता हूं . कभी कभी दिमाग से सोचता हूं. दिल गया भी तो उसकी जानिब जहा यकीन भी तिलमिला गया । वो यकीन जो था मुझसे ज्यादा तुजपे । इश्क़ बुरी बला है । यकीनन चाहता हूं दोबारा न हो और ये जानता भी हूं कि मुमकिन भी नहीं । हो अगर तो दोबारा चोबारा बार बार हो पर तुमसे हो । यूं भी सोचता हूं कि क्या क्या सोचता हूं ।
- "उपेन"