यु ही बैठे बैठे एक शाम मेरे नाम कर गया,
"पागल"
पागलपन देखा है मेने
उसका,
पुरी दुनिया के सामने नाम लेकर चिल्लाता रहाँ,
उसके सारे अरमान,
खवाहिशे,सपने सब मेरा कह गया,
पर,, एक प्यारे से शख्स के लिये आज वो छोड़ गया,
पता नही वो कहाँ खो गया
सब मेरा करके अजनबी हो गया,
अब ढूंढ रही हूँ उसे उसी शाम मै,
जो बैठाता मेरे पास मै!!