पता नहीं क्या हो...आप मेरी एक मुस्कुराहट का बहाना हो... आप
मेरी ईतजारी का मुकाम हो.. आप... पता नहीं क्या हो ..आप
उल्जी हूई जिंदगी की सूल्जी हूई किताब हो आप..
कीसी को पता ना चले
वेसे राज हो आप...
पता नहीं क्या हो आप..
समुंदर के किनारे ठहरे थे.. हम
हाथ पकड के हमारे साथ चलदीये ...आप.. वेसे गुमनाम साथ हो आप..
पता नहीं क्या हो आप..
ना ईशक हो .. ना प्यार.. नाही महोब्बत हो....
बस जो भी हो... आप ...रब की दुआसे बहोत खुश नसीब हो....आप
??Ami patel ??