मेरा परिचय
यूँ तो मैं कुछ खास नहीं
मुझमें कोई बात नहीं
भावों की भाषा कहती हूँ
चाहत के नगमें बुनती हूँ
सुरत शहर में रहती हूँ
बच्चों के ट्यूशन लेती हूँ
मेरी प्यारी दो संतान हैं,
मानसी नरेश जिनके नाम हैं
सैयां जी बिज़नेस करते हैं,
हर दम व्यस्त ही रहते हैं,
बस इतना सा है मेरा परिचय,
अब इसके आगे हम क्या कहे,
साहित्य से हैं लगाव मेरा,
उमा वैष्णव हैं नाम मेरा
उमा वैष्णव
मौलिक और स्वरचित