फस चुकी हूं रिश्तों की गहरी सोच मैं,
एक तरफ़ है संसार
दूसरी तरफ है मेरा प्यार,
दुनिया की तो सोच है पुरानी
प्यार की तो रीत है निराली,
दुनिया चलती है रस्मों कसमों से
प्यार चलता है दिल के रिश्तों से,
जो अपनी सोच नहीं बदल सकते
वो क्या हमारा प्यार समझेंगे,
अब दुनिया से नहीं मेरा कोई वास्ता
जब मेरे पास है प्यार का रास्ता,
आज से तु ही मेरा प्यार और तु ही मेरा संसार...