क्या कहूँ शौके हवस ने मुझ को अंधा कर दिया
क्या खबर है बेखूदी में मैं ने क्या क्या कर दिया ।
क्या जरा सी बात थी जिस का फसाना कर दिया
मैं ने एक बौसा लिया और तुम ने दावा कर दिया ।
खुद हुए बदनाम और मुझ को रूस्वा कर दिया ।
रह गया था मैं ही क्या पिटने पिटाने के लिए
कोई भी आया नहीं मैरे बचाने के लिए ।
और तो सामान था सब घर में खाने के लिए
सिर्फ तरकारी न लाया था पकाने के लिए ।।
मारे घोंसों के मेरी बीवी ने भरता कर दिया ।।