कागज़ की है ,यह कस्तियाँ ,
थोडी थोडी है , गुस्ताखियाँ
मिले शौक से , बीछडने वाले
मौज ए मिलन , गुस्ताखियाँ
टुटकर गीरना है , पतज़ड में
खीलकर हँसना है गुस्ताखियाँ
राहे वफा चलते ,मंजिल तरफ
राहेगुम तलाश ही ,गुस्ताखियाँ
कब्र की सौगात , जीस्म जाँन
कुचे से कब्र तक , गुस्ताखियाँ
फैन फकत , बुलबुला जिंदगी
आब हयाति एक , गुस्ताखियाँ
तुतु मैमैं ,मर मीट जाना जिंदगी
एक में एक होने की गुस्ताखियाँ