वोह अहदे वफा होती है,
कभी आंखें भी, रोती है।।
डूब जाता है,सूरज कभी,
चांदनी भी रातमे रोती है।।
दर्द ए ग़म , जिंदगी कभी,
बीरहाना ,अकेली होती है ।।
गुलकी सादगी है लाबयान,
ओस की , जुबानी होती है।।
मिल हर पल,मौज ही आनंद ,
नज़र ए हाल ,नूरानी होती है।।
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