दिनांक :- 17/10/19
विषय :- श्रृंगार
आओ रे सखी श्रृंगार करें,
मिल-जुल कर श्रृंगार करें,आओ रे सखी ....
कंगन - चूड़ी - बिंदियां ला दें,
लाल रंग की चुन्दडी मंगवा दें,
मिल - जुल कर श्रृंगार करें आओ रे सखी ......
मेंहदी - काजल - सूरमा ला दें,
मांग में अपनी सिन्दूर सजा दें,
मिल - जुल कर श्रृंगार करें आओ रे सखी .......
पायल - झूमका - हार ला दें
गले में मंगलसूत्र बाँध कर ,
मिल - जुल कर श्रृंगार करें, आओ रे सखी .....
व्रत सुहागों वाला रख दें ,
चाँद को अपने छत पर तक लें,
मिल - जुल कर मंगल - गान करें, आओ रे सखी .....
आओ पिया अब तुम भी आओ,
करवा चौथ का ये व्रत खोला दो,
कब से हम इंतजार करें...आओ... रे सखी ....
उमा वैष्णव
मौलिक और स्वरचित