जानी मानी पुस्तकों "तिलस्मी खजाना" "ज्वाला " के लेखक नृपेन्द्र शर्मा के शब्दों में ,
लघु उपन्यास "एक थी मल्लिका" शोभा जी का एक बहुत ही अच्छा सृजन है।
एक दन्त कथा पर आधारित ये लघु उपन्यास रियासतों के जमाने की कुछ कुरीतियो ओर षड्यंत्रों को बखूबी चित्रित करता है।
कथानक की दृष्टि से लघु उपन्यास श्रेष्ठतम है इसमें घटनाओ को ऐसे चित्रित किया गया है कि पाठक कथानक से जुड़ जाता है।
कभी वह मल्लिका के रूप सौंदर्य में आकर्षित होता है तो दूसरे ही पल अलौकिक घटनाओ से सिहर जाता है तभी मल्लिका के साथ हुए व्यभार से भावनात्मक रूप से मल्लिका से जुड़ जाता है।
अभी पाठक सहज होता ही है कि फिर से भूतिया माहौल रोंगटे खड़े कर देता है।
रही बात देशकाल ओर भाषा की तो लेखिका ने देशकाल एवं स्थानों का चित्रण बहुत कुशलता से किया है।
भोजी की बुंदेलखंड की मीठी बोली कथानक को मधुरता एव रोचकता देते हैं।
मैं शोभा जी को उनकी कृति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।।