जब भी कोई ग़म तुझे सताए , तुझे हसाना चाहूं आसू तेरे अपनी आंखो में भरना चाहूं । कितना भी तू दूर तू रहले तेरी सलामती चाहूं , अजीब सा रिश्ता है तेरा मेरा पास होकर भी पास नहीं है । फिर भी पता नहीं क्यों हमेशा दिल तेरी सलामती चाहे , तू पास नहीं है मेरे फिर भी दिल तुझे पास रखना चाहे । मैं जानती हूं यह अब मुमकिन नहीं , अब हम तेरे करीब नहीं फिर भी दिल को तसल्ली दिए जा रहे है , जो कभी ना हो सका उसकी ईश्वर से आस किए जा रहे है ।