बड़ा बेरहम है.. ये काम नकाब का.. l
चहेरे पे किसी और का होता है.. l
धोखा किसी और को होता है.. l
सिकंद भी नही आती उनसे.. ..l
तमाशा किसी ओर का होजाता है.. l
खुबिया.. बखूबियो.. से भरा ये आलम.. l
वफा.. बेवफा. के.. मायने अकसर भूल जाताहे.. l
न.. रँग.. बदलता है.. न ठंग बदलता है..
जब भी बदलता है.. चहेरे पे चहेरा.. बदलता है.. l