दिल की दुकान पे.. हम.. भावनाओं का सौदा करते है...
हर बार लेकिन.. हम घाटे का सौदा करते है..
. हसीं के बदले.. गम.. और.. आँशु.. मिलते है..
जज्बातों से हम अक्सर लूट जाते है..
फ़िरभी न जाने क्यू..
जज्बा.. सीने मे.. बेशुमार रखते है.
ओर.. ये दुकान हम बंध नहीं करते है...
आशाये.. जहन मे.. हर वक़्त जलाये रखते है...
जिंदादिली... से हम....ये दुकान फ़िर से सजाये रखते है