मैंने चाहा था , किसी को अपना दिल से बनाया था । पर वक़्त के साथ -साथ यह रिश्ता भी धुन्दला होता गया , गलती किसी की भी कह लो पर झुकने के लिए दोनों ही तैयार नही थे । एक का एहम बीच में आ रहा था , तो दूसरे को दूरिया दूर लेकर जा रही थी । आना दोनो को ही साथ था पर ना जाने दोनो ने ही अपने - अपने रास्ते अलग - अलग चुन लिए।