एक औरत से न पुछ उसने क्या खोया है ?
उसने अपनी आखों के आंशुओ को रोका है,
फिर उसी आंशुओ में अपने मन के अरमानो
को ओर दिल के सपनो को धोया है।
अपने पति के लिऐ अपने जिस्म को खोया है,
अपने बच्चो के लिये अपना आँचल दूध में,
भिगोया है,
अपने शोख मारकर अपने ससुराल को बोया है,
अपना मायके को छोड़कर ससुराल को सँजोया है,
अपने आपको भूलकर परिवार में पिरोया है,
हमेशा मुस्कुराकर परिवार को हंसाया है,
अब क्या क्या लिखूं की एक औरत ने क्या खोजा है।
।।दोस्त।।