लोग ऐसे बिछड़ते है जैसे कभी मिले नहीं , कुछ बिछड़ कर फिर मिलने के लिए ही बनते है । रिश्ते भी शाक की तरह ही होते है अगर उनको अच्छे से पानी ना मिले तो वो मुरझा से जाते है । हमने पूरी ईमानदारी से अपने रिश्ते निभाए पर कुछ आज भी हमारे साथ है और कुछ साथ होकर भी हमसे पराए है ।