?हैप्पी मदर्स ड़े?
???????
जब जब कागज़ पर लिखा
मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी..
हो गए चारों धाम...
क्योंकि...,
जमीन न हो तो आसमान
का क्या होगा,
पालने वाली माँ ही न हो तो
इंसान का क्या होगा..!
इसीलिए तो,भगवान ने अपने
ही जैसी मनुष्य की संरचना की,
हर घर उसको पालने हेतू,
ईश्वरीय रुप माँ की रचना की..!
अत:,
समंदर न सही इक नदी तो
होनी चाहिए,
हर संतान के हाथों माँ की
बंदगी होनी चाहिए..!!
मातृ दिवस की हार्दिक
बधाई एवं शुभकामनाएँ।???