Quotes by उषा जरवाल in Bitesapp read free

उषा जरवाल

उषा जरवाल Matrubharti Verified

@usha.jarwal
(20)

कुमार विश्वास जी की जुबानी आज मैंने जाना कि चाय भी चरित्रवान और चरित्रहीन हो सकती है ।
जो चाय चीनी मिट्टी के प्याले (कप) में परोसी जाती है, न जाने कितने ही लोगों ने उस प्याले को अपने अधरों से छूते हुए उस चाय की चुस्कियों का आनंद लिया होगा । हर बार वह प्याला नहा - धोकर, सज - सँवर कर एक नए चाय - प्रेमी के हाथों में पहुँच जाता है और उसके अधरों से छूकर उसे आनंदित करता है ।
दूसरी और जो चाय मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाती है वह केवल एक बार एक ही चाय - प्रेमी के अधरों से छूकर उसे आनंद देकर तृप्त कर देता है । वह कुल्हड़ उस चाय में अपनी सौंधी - सी सुगंध ऐसी मिला देता है कि वह प्रेमी भुलाए नहीं भूलता । मिट्टी से जन्म लेकर एक बार जिस चाय - प्रेमी के अधरों से लग जाता है तो फिर ऐसा समर्पित हो जाता है कि किसी दूसरे प्रेमी के अधरों को छूने की अपेक्षा मिट्टी में ही मिल जाना पसंद करता है ।
किसी भी बर्तन में परोसी जाने वाली चाय ‘चरित्रहीन चाय’ हुई और मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाने वाली चाय ‘चरित्रवान चाय’ हुई ।

Read More

खुद को हमारा शुभचिंतक बताने वाले ही अक्सर हमारा शुभ होते ही चिंता में पड़ जाते हैं ।
- उषा जरवाल

मुँह पर बुराई करने की क्षमता रखते हो तो स्वागत है तुम्हारा वरना पीठ पीछे बुराई करने वालों को तो मैं कायर समझती हूँ ।
- उषा जरवाल

Read More

मेरे लिए रिश्ते महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन मेरे आत्मसम्मान से अधिक महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है ।
- उषा जरवाल

Read More

कुछ लोगों को हम चाहे कितना भी सम्मान देने की कोशिश कर लें लेकिन वे अपने व्यवहार से ये ज़ाहिर कर ही देते हैं कि वे इस सम्मान के लायक है ही नहीं ।
- उषा जरवाल

Read More

मेरे व्यक्तित्व एवं मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाइए क्योंकि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है ।
- उषा जरवाल

Read More

यह मेरे अंतःकरण में पोषित संस्कारों की प्रतिपादिता है जो मुझे अनावश्यक एवं अनर्गल विषय पर अपनी जिह्वा पर नियंत्रण रखने के लिए बाध्य करते हैं अन्यथा मैं श्रवण क्षमता की अपेक्षा वाचन क्षमता में अधिक निपुण हूँ ।

Read More

दूसरों की चुगली वही लोग करते हैं जिनकी अपनी बातें किसी को सुनाने लायक नहीं होती ।

- उषा जरवाल

सत्कुल में जन्म लेना सौभाग्य की बात है । मृत्यु का आना समय की बात है ।
जन्म से मृत्यु के अंतराल में केवल कर्मों की बात है ।
- उषा जरवाल

Read More

अहम् और वहम दो ऐसी चीजें हैं जो इंसान को पतोन्मुख करके ही छोड़ती हैं ।
- उषा जरवाल