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उषा जरवाल

उषा जरवाल Matrubharti Verified

@usha.jarwal
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अपने विरुद्ध बातें सुनकर मौन रहिए । आपका कार्य स्वयं उत्तर दे देगा ।

उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

यदि अंग्रेज़ी भाषा में पकड़ अच्छी नहीं है तो भारतीय अंग्रेजों के बीच शर्माने की ज़रूरत नहीं है ।
आप हिंदी ऐसी बोलिए कि सामने वाला सिर खुजाने पर मजबूर हो जाए ।
हिंदी भाषा इतनी दमदार है कि अच्छे - अच्छे अंग्रेज़ों को छठी का दूध याद दिला सकती है ।

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मेरे 18 वर्षों के शैक्षणिक कार्यकाल में अनेक राज्य बदले, विद्यालय बदले और हर बार एक नए परिवेश से मैंने एक नई शुरुआत की ।
मेरी ‘हिंदी भाषा’ ने मुझे हर एक नए स्थान पर मुझे एक नई पहचान दी । एक ऐसी पहचान कि जिस विद्यालय को मैंने आज से 15 वर्ष पहले छोड़ा था, वहाँ के बच्चे और लोग आज भी याद करते हैं । ये मेरे लिए गौरव और सम्मान की बात है जो मैंने केवल ‘हिंदी भाषा’ के कारण ही पाया है ।
उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

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उम्र गुजरी है माँजते हुए खुद को,
साफ़ हैं पर चमक नहीं पाए ।

उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

यदि आपके चंद मीठे बोल बोलने से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी ‘रक्तदान’ है ।
यदि आपके पीठ थपथपाने से किसी की थकान मिटती है तो यह भी ‘श्रमदान’ है ।
यदि थाली में उतना ही लें जितना खा सकें और भोजन को व्यर्थ न करें तो यह भी ‘अन्नदान’ है ।
किसी रोते हुए व्यक्ति को हँसा दो और वो अपने आँसू पोंछ ले तो यह भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का एक हिस्सा है ।

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मैं एक खुली किताब हूँ । समझने वालों ने जिसे पढ़कर समझ भी लिया । फिर भी यदि तुम ही नहीं समझे तो ज़रूर तुमने कुछ पन्ने यूँ ही पलट दिए होंगे ।
- उषा जरवाल

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आजकल दो किलो जितनी लीपापोती करके लोग चेहरे के दाग तो छिपा लेते हैं लेकिन जो दाग उनके मन में होते हैं, उनका क्या ?
- उषा जरवाल

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वक्त और कदर का रिश्ता भी अनोखा है - जिनकी कदर करो वे वक्त नहीं देते और जिन्हें वक्त दो वे कदर नहीं करते ।
- उषा जरवाल

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जहाँ झुकने से आपसी प्रेम बढ़ता हो, वहाँ झुक जाओ लेकिन यदि हर बार आपको ही झुकना पड़े, तो रुक जाओ ।
- उषा जरवाल

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पहाड़ चढ़ने वाला व्यक्ति झुककर चलता है और उतरने वाला अकड़कर चलता है ।
जीवन की राह पर यदि कोई झुककर चल रहा तो इसका मतलब है कि ऊँचाई पर जा रहा है और यदि अकड़कर चल रहा है तो इसका मतलब है कि वह नीचे जा रहा है ।

उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’

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