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उषा जरवाल

उषा जरवाल Matrubharti Verified

@usha.jarwal
(29)

उम्र ढलने पर कुछ लोग बुजुर्ग होते हैं और कुछ केवल बूढ़े । एक बुजुर्ग व्यक्ति का अनुभव और उनकी सलाह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है और एक बूढ़े व्यक्ति की सलाह और अनुभव घर में क्लेश का कारण बन जाती है क्योंकि उनमें केवल बुढ़ापा आता है तजुर्बा नहीं ।
- उषा जरवाल

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आपका व्यवहार ही मेरा लिहाज़ और मिजाज़ तय करता है ।
- उषा जरवाल

दुनिया का नज़रिया तो देखो ! यदि कोई 40 साल का हो जाता है तो कहते हैं की बूढ़ा हो गया है और यदि कोई 40 की उम्र में मार जाता है तो कहते हैं कि जवान ही चला गया ।बेचारा इंसान दुनिया की भलाई करते - करते बुढ़ापे की दहलीज़ पर कदम रख देता है पर कभी इस दुनिया ने उसकी अच्छाई की कद्र नहीं की और यही दुनिया उसके मरने पर कहती है - चला गया, आदमी तो अच्छा था । इसका सीधा - सा मतलब है कि अच्छा करने से अच्छाई कभी नहीं मिलती बल्कि अच्छाई पाने के लिए मरना पड़ता है । ये दुनिया का दस्तूर है - जब ज़िंदा हो तो मनोबल तोड़ दो और जब मर जाओ तो तारीफ़ों के पुल बाँध दो ।
इसलिए दुनिया की बातों को मिक्सी में पीसकर घोटकर पी जाओ । दुनिया की स्पीड से नहीं बल्कि अपनी स्पीड से, अपनी क्षमता के अनुसार भागो क्योंकि दुनिया केवल कहने के लिए है ।
जो दुनिया आज आपकी असफलता में ताने मारती है वही दुनिया कल आपकी सफलता पर तालियाँ बजाने के लिए खड़ी होगी ।

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मृग - सा तेरा रूप और मैं तेरी कस्तूरी,
मैं तो तुझमें ही हूँ फिर क्यों तेरी आस अधूरी ?
- उषा जरवाल

जीवन एक अथाह समंदर है जिसमें कितने भी गोते लगा लो कभी थाह नहीं लगा पाते ।
- उषा जरवाल

जो वास्तविक है, वह दुर्लभ है और जो बनावटी है वो हर जगह विद्यमान है ।
- उषा जरवाल

नीचे गिरना एक आकस्मिक घटना होती है लेकिन गिरकर उठने की कोशिश ही न करना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है ।
- उषा जरवाल

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अचार की तरह मस्तिष्क में भी फ़फ़ुँद लगती है । इसलिए मस्तिष्क को भी विचार और संघर्ष की धूप दिखाना आवश्यक है ।
- उषा जरवाल

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सफलता के लिए आप कितने भी प्रयास कर लीजिए, अप्रत्याशित घटनाएँ अवश्य होंगी । परिवर्तन प्रकृति का नियम है इसलिए हर एक परिवर्तन के लिए स्वयं को सक्षम बनाइए ।
- उषा जरवाल

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व्यवहार वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से आप किसी के मन में भी उतर सकते हैं और मन से भी ।
- उषा जरवाल