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जिन्हें पिंजरबद्ध पंछी रखने का शौक हो उन्हें उड़ते हुए पंछी भला कैसे अच्छे लगेंगे ? - उषा जरवाल
ऊँची उड़ान भरने के लिए किसी की इजाज़त क्यों चाहिए ? पंख तुम्हारे अपने हैं और आकाश किसी का नहीं होता ! उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
जिन तारों में करंट नहीं होता, लोग अकसर उन पर कपड़े सुखा दिया करते हैं । इसलिए व्यक्तित्व में थोड़ा - सा करंट जरुरी है । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
नियंत्रण बहुत आवश्यक है । यदि आय कम हो तो व्यय पर और जानकारी कम हो तो शब्दों पर । उषा जरवाल एक ‘उन्मुक्त पंछी’
सर्वे परिवर्तिता: । अधुना मम समय:। (सभी बदल चुके हैं । अब मेरा समय है ।) उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
मुझे ये मत बताओ कि उन्होंने मेरे बारे में तुमसे क्या कहा ? मुझे बताओ कि वे तुम्हें बताने में इतने सहज क्यों थे ? - उषा जरवाल
बुरे वक्त में कंधे पर रखा गया हाथ कामयाबी की तालियों से ज्यादा कीमती होता है । - उषा जरवाल
सम्मान देने के भी पैमाने बदल गए हैं । पहले बड़ी ‘आयु’ को सम्मान मिलता था और अब बड़ी ‘आय’ को । - उषा जरवाल
दूसरों से अपनी तुलना करके स्वयं को अपमानित न करें । आप ईश्वर की अनमोल कृति हैं । उषा जरवाल ‘एक उन्मुक्त पंछी’
एक स्त्री … अपने अंतःकरण में न जाने कितनी नदियों को समेटे हुए है । ऐसे ही वह ‘खारा समुद्र’ नहीं बन जाती । - उषा जरवाल
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