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कुमार विश्वास जी की जुबानी आज मैंने जाना कि चाय भी चरित्रवान और चरित्रहीन हो सकती है । जो चाय चीनी मिट्टी के प्याले (कप) में परोसी जाती है, न जाने कितने ही लोगों ने उस प्याले को अपने अधरों से छूते हुए उस चाय की चुस्कियों का आनंद लिया होगा । हर बार वह प्याला नहा - धोकर, सज - सँवर कर एक नए चाय - प्रेमी के हाथों में पहुँच जाता है और उसके अधरों से छूकर उसे आनंदित करता है । दूसरी और जो चाय मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाती है वह केवल एक बार एक ही चाय - प्रेमी के अधरों से छूकर उसे आनंद देकर तृप्त कर देता है । वह कुल्हड़ उस चाय में अपनी सौंधी - सी सुगंध ऐसी मिला देता है कि वह प्रेमी भुलाए नहीं भूलता । मिट्टी से जन्म लेकर एक बार जिस चाय - प्रेमी के अधरों से लग जाता है तो फिर ऐसा समर्पित हो जाता है कि किसी दूसरे प्रेमी के अधरों को छूने की अपेक्षा मिट्टी में ही मिल जाना पसंद करता है । किसी भी बर्तन में परोसी जाने वाली चाय ‘चरित्रहीन चाय’ हुई और मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाने वाली चाय ‘चरित्रवान चाय’ हुई ।
खुद को हमारा शुभचिंतक बताने वाले ही अक्सर हमारा शुभ होते ही चिंता में पड़ जाते हैं । - उषा जरवाल
मुँह पर बुराई करने की क्षमता रखते हो तो स्वागत है तुम्हारा वरना पीठ पीछे बुराई करने वालों को तो मैं कायर समझती हूँ । - उषा जरवाल
मेरे लिए रिश्ते महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन मेरे आत्मसम्मान से अधिक महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है । - उषा जरवाल
कुछ लोगों को हम चाहे कितना भी सम्मान देने की कोशिश कर लें लेकिन वे अपने व्यवहार से ये ज़ाहिर कर ही देते हैं कि वे इस सम्मान के लायक है ही नहीं । - उषा जरवाल
मेरे व्यक्तित्व एवं मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाइए क्योंकि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है । - उषा जरवाल
यह मेरे अंतःकरण में पोषित संस्कारों की प्रतिपादिता है जो मुझे अनावश्यक एवं अनर्गल विषय पर अपनी जिह्वा पर नियंत्रण रखने के लिए बाध्य करते हैं अन्यथा मैं श्रवण क्षमता की अपेक्षा वाचन क्षमता में अधिक निपुण हूँ ।
दूसरों की चुगली वही लोग करते हैं जिनकी अपनी बातें किसी को सुनाने लायक नहीं होती । - उषा जरवाल
सत्कुल में जन्म लेना सौभाग्य की बात है । मृत्यु का आना समय की बात है । जन्म से मृत्यु के अंतराल में केवल कर्मों की बात है । - उषा जरवाल
अहम् और वहम दो ऐसी चीजें हैं जो इंसान को पतोन्मुख करके ही छोड़ती हैं । - उषा जरवाल
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