English Quote in Good Morning by Pankaj 9898

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??जय श्री सीताराम जी ??
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(पिछली पोस्ट से आगे)

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा ।।

श्री हनुमान चालीसा का आरंभ करते हुए श्री तुलसीदास जी कहते हैं -- जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर । हे हनुमान जी आपकी जय हो। आप ज्ञान और गुण के समूह हो। हनुमान जी जैसा ज्ञानी कौन? हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य हैं। किससे पाया है ज्ञान? विनु गुरु होय कि ज्ञान। तो हनुमान जी के गुरु जी कौन हैं? सूर्य भगवान, जो सारे संसार को प्रकाश देते हैं, उनसे प्रकाश प्राप्त किया है हनुमान जी ने।

हनुमान जी थोड़े बड़े हुए । विद्या अर्जन के लिए गुरुदेव की शरण में जाना था, तो सूर्य भगवान के पास गये। सूर्य भगवान से प्रार्थना की -- गुरुदेव! मैं आपसे विद्या पढ़ने के लिए आया हूँ, मुझे पढ़ाइये। कृपा करके गुरुदेव विद्या दान दीजिए, विद्या दान दीजिए, मैं आपकी शरण में हूँ । संकेत यह मिला कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरुदेव की शरण में जाना चाहिए। गुरुकृपा से ही ज्ञान फलीभूत होता है । विनु गुरु होय कि ज्ञान, गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं।

तद्विद्धि प्रणिपातेन परिपृश्नेन सेव्यः।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्त्तत्वदर्शिनः।।

तद माने उसको, विद्धि माने जानने के लिए, प्रणिपातेन -- गुरुदेव की शरण में, अनुभवी पुरुषों की शरण में जा के प्रणिपात करे, दण्डवत करे। लकड़ी की तरह सीधे होकर गिर जाना, दण्डवत् -- डंडा बिल्कुल सीधा होता है। हम और जगह टेढ़े रहें, पर कम से कम गुरु जी के आगे तो सीधे रहें, वहाँ तो टेढ़ापन छोड़ दें।

साँप भी सब जगह टेढ़ा रहता है, पर बिल में प्रवेश करता है तो सीधा होकर प्रवेश करता है । इसलिए प्रणिपातेन, फिर परिपृश्नेन, पहले प्रणाम, क्योंकि श्रद्धावान लभते ज्ञानं, फिर उचित प्रश्नों का प्रयोग करें। गुरुदेव से प्रार्थना करें , अपनी जिज्ञासा रखें। उसके बाद -- उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं, उनके द्वारा ज्ञान का उपदेश होता है। किनके द्वारा ? ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः -- तत्त्वदर्शी पुरुषों के द्वारा ज्ञान मिलता है।

गूढ़उ तत्त्व न साधु दुरावहिं।
आरत अधिकारी जहँ पावहिं।।

तो हनुमान जी के चरित्र से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि ज्ञान पाना हो तो गुरुदेव की शरण में

English Good Morning by Pankaj 9898 : 111159786
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