ये पैसा लोगो में गुरूर भरता है।
ये पैसा लोगो को मजबूर करता है।
ये पैसा ही तो है जो भाई को भाई से दूर करता है।
ये पैसा ना होता तो दिलो का प्यार ना मिट ता।
ये पैसा ना होता तो गरीबी अमीरी की दीवार खड़ी ना होती।
ये पैसा ना होता तो नोट बदलने की रस्म ना होती ।
ये पैसा ना होता तो बैंको में उस वक़्त लंबी कतारे ना होती।
ये पैसा ना होता तो लोग भूके ना सोते।
ये पैसा ना होता तो लोग दर दर ना भटकते।
ये पैसा ना होता तो इबादतें सरेआम होती ।
अरे ये पैसा ना होता तो लालाच की दीवार ना होती।
ये पैसा लोगो में गुरूर भरता है।
ये पैसा लोगो को मजबूर करता है।
*******सायरा खान**********