मै हार गई हूँ खूद से,
जिसे पाकर खूद को खुशनसीब माना
आज खो दिया है उसे,
उसके आस पास पूरी दुनिया बस्ती है मेरी
अब भूल गया है वो मुझे
मै हार गई हूँ खूद से,
खो गई सारी खूशियाॅ मेरी
बस खोखला शरीर रह गया
किसी ओर के लिए छोडकर मूझे
मेरा अपना मूझसे खो गया,
ऐ जिंदगी कूछ तो बता
आखिर ये क्या हो गया
मै हार गई खूद से,
मेरा अपना मूझसे खो गया।