मैं शिव हूँ
कभी कोमल कभी कठोर हूँ…
कभी चण्ड कभी मोहक हूँ…!!!
मैं शिव हूँ…!!!
घनघोर अँधेरा ओढ़ कर…
मैं जन जीवन से दूर हूँ…
मैं मैं नहीं मैं सब हूँ… !!!
मैं शिव हूँ…!!!
शमशान में हूँ बस्ता…
मैं मौत का गुरूर हूँ…!!!
मैं शिव हूँ…!!!
मैं शिव हूँ
साम दाम तुम रखो…
मैं भाव में विभोर हूँ…!!!
मैं दंड से संपूर्ण तो…
मैं दया से भरपूर हूँ…!!!
मैं शिव हूँ…!!!
मैं कालो का काल हूँ…
मैं दक्ष महाकाल हूँ…!!!
मैं मैं नही …
मैं स्वयं विकराल हूँ…!!!
मैं शिव हूँ…!!!
मैं कल नहीं में आज हूँ…
मैं कड़ कड़ में निवास हूँ …!!!
जो गलती हो जाये …
मैं उसका समाधान हूँ …!!!
मैं शिव हूँ…!!!
मैं शिव हूँ
मैं शमशान की राख हूँ…
मैं रेगिस्तान की रेत हूँ…!!!
मैं कैलाश का स्वामी…
मैं ही आदि अंत हूँ…!!!
मैं शिव हूँ… !!!
मैं भक्तो का पालन करता हूँ…
मैं तूफ़ान में एकांत हूँ…!!!
जो कोई मुझे पुकारता…!!!
मैं उसके लिए तैयार हूँ…
जो अनर्थ कोई करता…!!!
मैं उसका काल हूँ…
मैं शिव हूँ….!!!