ना तन्हाई में राते इतनी सताती,
ना निंदो से मेरी यूं लड़ाई होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
ना कहेता शराबी मुझे ये जमाना,
ना मुझे उसिकी आदत यूं लगती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
वक्त से कभी कोई गीला ना रहता,
ना किसिसे कोई शिकायत होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
रहता रोशन एक चांद मेरे छत पर,
ना गम के बादलों की बरसात होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
महेकता रेहता मेरा आशियाना,
बहारों सी रंगीन जिंदगानी होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
ना होता वो लम्हा, ना महोबत होती,
ना तुझे गैर बताने मे तकलीफ होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
ना तन्हाई में राते इतनी सताती,
ना निंदो से मेरी यूं लड़ाई होती,
अगर तू मेरी जिंदगी में आयी ना होती।
मिलन लाड. वलसाड, किल्ला पारडी.