जैसे ही वरमाला के कार्यक्रम के पश्चात दूल्हे ने दुल्हन के पाँवो को छुवा तो सब हँसने लगे.....
ये क्या कर रहे हो?....
दूल्हे ने कहा बिल्कुल सही कर रहा हूं
आज से ये मेरी पत्नी ही नहीं मेरे घर परिवार की नींव है
इसके व्यवहार से ही समाज मे मेरी पहचान बनेगी,
इसके हाथो ही मेरे माँ बाप को मान सम्मान मिलेगा,
मेरी आने वाली पीढ़ी इसके ही खून पसीने से सींची जाएगी,
मेरा पूरा जीवन अब इसके ही साथ जुड़ गया है तो मुझे इसकी इजत करनी चाहिए न कि इसे मेरी....
दूल्हे की बात सुनकर सब लोग तालियां बजाने लगे और एक नई परंपरा और सोच का जन्म हो गया....
नई सोच नई पहल और ये सच भी है इसको हर मर्द को मानना चाहिए की पत्नी से ही बढ़ती समाज मे उसकी शान....
#नोट - जिसने भी लिखा है क्रेडिट उसी को ही जाता है
मैने तो सिर्फ कॉपी की और पोस्ट की है।