अक्सर मेरी चाय डांटती है मुझको....
तुम मुझे सज़ाते हुए भी
उसकी यादोँ में जीते हो
जब उसके ताज़गी भरे ख्यालों में रहते हो
तो फिर मुझे क्यों पीते हो ?
अक्सर मेरी चाय पूछती है मुझसे...
हर पल क्यों सोचते हो उसे
जब वो तुम्हारे पास नही
क्या मुझमें कुछ कमी है
या उसके लबों जितनी मिठास नही ?