पाक की संसद में जांबाज को छोड़ने का इकरार हुआ,
तकते नयन से बब्बर शेर का बहुत इन्तज़ार हुआ।
भेजने में बहुत वक़्त लगा दिया जूठे बहानो से,
अभिनंदन का अभिनंदन देश के हर अखबार हुआ।
अब तक जिनको सिपाहियों पर भरोसा नही था,
दोगले नेताओ को हिन्द की फौज का एतबार हुआ।
दुश्मन की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए अब की बार,
दोस्तों अब खत्म सारा सरहद पार का कारोबार हुआ।
देश के वीर सपूत अभिनंदन के आगमन की प्रतीक्षा में,
"पागल" आज देश का हर इंसान बहुत बेकरार हुआ।
✍?"पागल"✍?