खत की लिखाई में बड़ी जीनत है,
खत में दिख रही तेरी नजाकत है।
खत खोल कर आँखों देखा मैंने,
आज तो खत में मिजाज-ए-गैरत है।
ख्वाब में भी तुझसे रूठ नही सकता,
हर बार मनाना तो मेरी आदत है।
दूरियाँ मुझे ज़िन्दगी से गवारा नही,
तेरी एक पल की दूरी भी कयामत है।
तेरी हर बात की नाराज़गी मंजूर है
तेरी छोटी सी रुसवाई मेरी उकुबत है।
मेरी पहली और आखरी चाहत है तू,
"पागल" चाहत भी खुदा की इबादत है।
✍?"पागल"✍?
जीनत - सजावट
नजाकत - कोमलता
गैरत - द्वेष / धृणा
गवारा - स्वीकार करना
कयामत - आफत
उकुबत - सजा
इबादत - प्रार्थना