देश के आत्मसम्मान की रक्षा हेतु अति आवश्यक था यह हमला
सनातन से ही किसी भी छोटे-से छोटे साम्राज्य के राजा द्वारा अपने राज्य का आत्मसम्मान स्थापित रखा जाता था। चाहे उसके लिए उस छोटे से साम्राज्य के राजा को फिर किसी विशेष सम्राट से युद्ध लड़कर अपनी जान भी जोखिम में क्यों न करना पड़ जाए लेकिन वह अपने राज्य के आत्मसम्मान से कदाचित समझौता नही करता था।
इसी नीति के आधार पर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विश्व के सबसे लोकतांत्रिक देश भारत ने समूचे विश्व में विश्वगुरु के रूप में स्थापित होने के लिए संकल्पित होने के बाबजूद भी कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नही किया।
इस हिमालय से विशाल ध्येय कर साथ निरंतर उन्नति और विकास के पथ पर चलने वाले भारत देश के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने का कार्य यदि कभी भी किसी प्रतिद्वंदी देश द्वारा किया गया तो भारत देश ने उस प्रतिद्वंदी देश को मुंह तोड़ जवाब हमेशा दिया फिर चाहे उसका निष्कर्ष कुछ भी आया हो और भारत ने हमेशा उस निर्णय को सहर्ष स्वीकार भी किया हैं।
किन्तु विकास की इबारत लिखकर विश्वगुरु की ख्याति पाने में ब्यस्त भारत के प्रतिद्वंदी देश पाकिस्तान द्वारा भारत को विकास के पथ से भटकाने हेतु कई कायराना हरकते की जाती रही जिसको भारत देश हमेशा नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान को इन बेहुदा हरकतों को बाज आकर स्वयं का विकास करने की नसीहत दी जाती रही।
जिस कारण भारत से ही अलग होने वाले पाकिस्तान की कायराना हरकतों को भारत देश द्वारा नजरअंदाज किये जाने से पाकिस्तान द्वारा भारत देश को कमजोर समझने की बहुत बड़ी गलती करके उसके आत्मसम्मान को क्षतिग्रस्त करने का सबसे घिनोना कृत्य किया गया।
किन्तु वीर शिवाजी और रानीलक्ष्मीबाई जैसे वीरपुरोधाओं की वसुधा भारत अपने आत्मसम्मान की क्षति को आखिर कैसे बर्दास्त करता।
इसीलिए विश्व के सबसे बड़े आतंकी देश पाकिस्तान द्वारा भारत आत्मसम्मान को क्षतिग्रस्त करने के लिए किये गए घिनोने कार्य के लिए दण्डित करने हेतु देश की वायुसेना को आदेशित करते हुए उसके द्वारा की गई कायराना हरकत का ख़ौफ़नाक बदला लेकर समूचे विश्व को सन्देश ज्ञापित कर दिया कि भारत देश कभी भी अपने आत्मसम्मान में किसी भी प्रकार की क्षति बर्दाश्त नही करेगा।
जिसके लिए हम जैसा हर सच्चा भारतीय नौजवान भारत देश की सेना के इस अदम्य साहस को करबद्ध नमन करता हैं।
एड. नवीन बिलैया(निक्की भैया)
सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक