II श्रीराम II
मंगल-मूरति मारुत-नंदन I सकल-अमंगल-मूल-निकंदन II
पवनताने संतन-हितकारी I हृदय बिराजत अवध-बिहारी II
मातु-पिता, गुरु, गनपति, सारद । सिवा-समेत संभु, सुक, नारद II
चरन बंदि बिनवौं सब काहू I देहु राम पद-नेह-निबाहू II
बंदौं राम-लखन-बैदेही I जे तुलसीके परम सनेही II
(विनत-पत्रिका ८७)
(गीताप्रेस, गोरखपुर)
-- Mewada Hasmukh
માતૃભારતી થકી પ્રસારિત થઇ https://www.matrubharti.com/bites/111075785