मत चडावो अपने प्यार नशा......
मुझे तेरे प्यार का नशा ,
मुझपे न कर ए जुल्म हम पे.
हट पगले हमको अब तुम्हारे
मत चडावो अपने प्यार का नशा.....
तुमने अपनी तेरी कातिल
निगाहों से बहुत....
गोलियाँ चलाई पर
हमको अब तुम्हारे निगाहो से
निशाना न बनावो
मत चडावो
अपने प्यार का नशा.....
फ़क़त बहुत अभी अभी
तो तेरे इश्क या नशा,
डर है की फिर न लौट
आये खुमार,मुझे दुर रख अपने सें
हमको अब और न उतारो
अपने प्यार में
मत चडावो
अपने प्यार का नशा.....
बहुत मुश्किल से हमारा
प्यार का भुत उतरा है।
हमको और न भटकावो
ए बावरा मन बहुत मुश्किल से माना है
हमको और अपना भुत न चडावो....
मत चडावो अपने प्यार का नशा ......
बहुत मुश्किल से बचे है तेरे हुस्न से
अब हमको मत उतारो अपने हुस्न में
अब न लगावो अपनी आदत
मत चडावो अपने प्यार का नशा......
बहुत मुश्किल से बदला है ए मौसम...
अब न बदलो अपने सुहाने चेहरे से मौसम.....
हमको मत लगावो अपने प्यार की हवा.....
मत चडावो अपने प्यार का नशा.,.....
दिल में महौब्ब्त की
आग ठंडी भी न हुई,
डर है की वौ आग फिर से न जले,
तुम अे आग को चिंगारी न लगावो.....
मत चडावो अपने प्यार का नशा......
में अपनी मंजिल न भटक जावुं,
तेरे तेरै हुस्न का शराब पी के,
कही डर है की फिर से न,
हो जाये प्यार हमको तुमसे,
मत चडावो अपने प्यार का नशा.....
दिल में जल रही है तुमको पाने की आग,
डर है की हमको जला के राख न कर दें
मुझे दुर रख खुद से, मत चडावो
अपने प्यार का नशा......
- शैमी प्रजापति