respect woman.....
मैं अबला नादान नहीं हूं
दबी हुई पहचान नहीं हूं
मैं स्वाभाविक से जीती हूं
रखती अंदर खुद्दारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं
पुरुष प्रधान जगत में मैंने
अपना लोहा मनवाया
जो काम मर्द करते आए
हर काम वो करके दिखलाया
मैं आज स्वर्णिम सदृश
फिर से पुरुष पर भारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं
मैं सीमा से हिमालय तक हूं
और खेल मैदानों तक हूं
मैं माता बहन और पुत्री हूं
मैं लेखक और कवित्री कवित्री हूं
अपने भुजबल से जीती हूं
बिजनेस लेडी व्यापारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं
जिस युग में दोनों एक कदम मिलाकर चलते होंगे मैं उस भविष्य स्वर्णिम युग की आशा की चिंगारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं
मैं आधुनिक नारी हूं