..................सूर्या की जिंदगी.................
एक सत्य घटना......
उसदिन की बात कुछ निराली थी
आज सूर्या की भी बनने वाली एक कहानी थी
आजकल उसको कुछ परेसानी थी
समाज की बुराइया और उसकी जिंदगी की कुछ जुबानी थी
हमेसा उसको परेसान करने वाली एक बात थी
मेरा जन्म कयू हुआ यही खुदा से फरियाद थी
क्या उसका भी लोगो की तरह होने वाली हालात था
क्या ओ भी लोगो की तरह पालने बढ़ने वाला था
क्या ओ भी लोगो की तरह स्कूल-कालेज जाने वाला था
क्या उसका भी लोगो की तरह हसर हो जाएगा
और ओ भी दुनिया के रितो में ढल जाएगा
गृहस्त आश्रम बिताएगा
फिर एक दिन बूढा होकर मर जायेगा
ये क्या बात है
ये क्या राज है
ये कैसा नाता है
ये कैसी जिंदगी है
ये बात उसको खाता है
आखिर लोग पैसे(ऐसो-आराम) के पीछे कयू भागे जाते है
जब सबको ये देह छोड़ जाना ही है
जन्म-मरण की चाल उसको समझ मे न आता है
सूर्या को उसकी ही सोच अब उसको खाता है
सूर्या को लगता है इसके पीछे कुछ राज है
उसको खोजना ही उसका काज है