सितम्बर 1965 की एक शाम,#भारतके राष्ट्रपति ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमे तीनो सेनाओ के प्रमुख थे, थोड़ी देर में एक छोटे से कद का, साधारण सा दिखने वाला, इंसान, धोती कुर्ता पहने अन्दर आया।उसे देख तीनो सेना प्रमुखों ने एक ही सुर में सवाल किया, पाकिस्तान, भारत की सीमा में घुस आया है और हवाई हमले कर रहा है, क्या आदेश है अब।ये साधारण सा दिखने वाला शख्स कोई और नही उस समय रहे भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे।तीनो सेना प्रमुख से ये सवाल सुन, शास्त्रीजी ने अपना पुराना नारा “मरो नही मारो” याद करते हुए कहा की आप देश की रक्षा कीजिये और मुझे बताइए की आपको इस में मेरी कहाँ कहाँ जरुरत है।और फिर भारत की सेना ने खुल कर युद्ध लड़ा, पाकिस्तान की अमेरिकी हथियारों से लेस सेना को कड़ी टक्कर देते हुए, इच्छोगिल नहर, जो भारत पाक की असली सीमा थी को पार कर लाहौरपर कब्ज़ा कर लिया।इस युद्ध में मेजर जनरल सिंह और हरी सिंह ने पैदल सेना का संचालन इस खूबी से किया था की, पकिस्तान की ज़मीन पर भारत कब्ज़ा कर चूका था।जिसे देख अमेरिका दंग रह गया और उसने, युद्ध विराम का दवाब डाल कर लाहौर से अपने नागरिको को वापस बुला लिया।फिर शुरू हुई अंतर राष्ट्र राजनीती, जिसके तहत शास्त्रीजी को ताशकंद बुलाया गया, हमेशा उनके साथ जाने वाली उनकी पत्नी ललितादेवीजी को इस यात्रा में जाने से मना कर दिया गया।और वहां समझोते और युद्ध विराम के नाम पर शास्त्रीजी को, पाकिस्तान से जीती हुई ज़मीन वापस करने को बोला गया, जिसके लिए शास्त्रीजी ने ये कह कर मन कर दिया की, उन्हें युद्ध विराम की शर्त मंज़ूर है,पर जीती हुई ज़मीन पाकिस्तान को किसी किमत पर नही लोटाएंगे।वो 11 जनवरी 1966 की रात थी, उसके बाद की घटनाएक रहस्य बनकर रह गई, और अगले दिन, समझोते पर शास्त्री की दस्तखत और होटल के कमरे में उनका पार्थिव शरीर मिला।उनकी मौत का कारण ह्रदयघात बताया गया, परन्तु सत्य आज तक एक रहस्य बना हुआ है।इस युद्ध के दौरान जहाँ एक तरफ भारत की सेना ने, दुश्मन को करार जवाब दिया।वही दूसरी तरफ, शस्त्रीजी ने ‘’जय जवान जय किसान’’ का नारा देते हुए, आर्थीक मंदी के चलते, भारत की जनता को हफ्ते में एक दिन उपवास रहकर, देश हित के लिए धन जमा करने को कहा।जिसकी शुरुवात शास्त्रीजी ने खुद अपने घर से करते हुए, सारे नौकरों की छुटी कर दी और घर का काम खुद करने लगे।अपने बच्चो के टयूटर की छुटी कर दी और अपनी पगार लेनी बंद कर दी।इस महान शख्स का जन्म दिवस है आज।और नमन है इनकी, देश भक्ति, इमानदारी और सादगी को #copied