💞 प्रेम की ख़ामोशी 💞
कभी-कभी,
प्यार चीखता नहीं...
बस ख़ामोशी से बोल जाता है।
तेरी आंखों की झील में जब मैं डूबता हूँ,
तो लगता है,
हर लहर में मेरा ही नाम लिख जाता है।
तू पास होती है,
तो हवा में भी एक सुकून उतर आता है,
और जब दूर जाती है,
तो लगता है जैसे सांसों ने भी इजाज़त मांग ली हो।
तेरी हंसी —
वो मासूम झंकार,
जिसे सुनकर दिल कहता है,
"यही तो वजह है ज़िंदा रहने की।"
कभी सोचा था,
प्यार कोई कविता होगा,
पर अब समझ आया —
प्यार तू है, और मैं उसका एक अधूरा शेर।
तेरे बिना ये ज़िंदगी
एक सूनी किताब है,
और तू —
वो आख़िरी पन्ना,
जिसे मैं बार-बार पढ़ना चाहता हूँ,
पर पलटना नहीं चाहता।
तू कहती है,
"क्या प्यार इतना मुश्किल है?"
मैं मुस्कुरा देता हूँ —
क्योंकि तू नहीं जानती,
तेरे बिना जीना ही सबसे बड़ा इम्तिहान है।
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लेखक - "आदित्य राज राय"