मैं और मेरे अह्सास
दिखावा
दिखावे का प्यार जताना नहीं आता l
हाल ए दिल को बताना नहीं आता ll
जिगर में तूफान चल रहा हो तब के l
जूठी मुस्कुराहट सजाना नहीं आता ll
साँसों को पूरा करने का नाम जीवन l
दिल बहलाने का तराना नहीं आता ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह"सखी"