अब हिम्मत नहीं बची, अब सब्र नहीं बाकी,
तेरे लिए लड़ते-लड़ते, मैं खुद से ही हार गई।
हर बार समझाया, हर बार जताया,
पर शायद मेरे शब्द तुझ तक कभी पहुँचे ही नहीं।
अब और नहीं चाहिए तुझसे कोई सवाल, कोई जवाब,
बस इस रिश्ते की जंजीरों से मुझे कर दे आज़ाद।
हाथ जोड़कर कहती हूँ, मुझे अकेला छोड़ देना,
अब मेरी रूह भी थक चुकी है तेरा इंतज़ार करना।
आज के बाद मेरी ख़ामोशी ही मेरा पैग़ाम होगी,
तुझसे आख़िरी बार ये मुलाक़ात होगी।
याद रखना… मैं लौटकर अब कभी न आऊँगी,
तेरी दुनिया से खुद को हमेशा के लिए मिटा जाऊँगी।
kajal Thakur 😊