"ब्रज नगरी की पावन धरा"
ब्रज की धरा है अनोखी,
हर रेत कण में है राधा की लोकी।
मथुरा की गलियों में गूँजे नाम,
श्याम-सुंदर की बांसुरी का काम।
यमुना किनारे लहरों की तान,
भक्ति में डूबा हर एक प्राण।
बरसाने की होली, वृंदावन की रात,
प्रेम के रंगों में डूबा यह साथ।
कदम-कदम पर मंदिरों का जाल,
जहाँ हर कोई बन जाता है गोपाल।
घंटियों की गूँज, मृदंग की ताल,
भक्तों के मन में उमड़े उछाल।
गोपियों का श्रृंगार, माखन की चोरी,
हर कथा में छुपी है एक प्यारी कहानी।
नंदलाल की लीलाएँ हैं अनगिनत,
ब्रज की महिमा है असीमित।
जो एक बार यहाँ चला आता,
वो लौटकर भी दिल यहीं छोड़ जाता।
क्योंकि ब्रज की ये पावन धरा,
हर आत्मा को कर देती है सदा खरा।
राधे राधे 🙏
kajal Thakur 😊