यह है अधूरे प्यार की कहानी
प्यार में कौन अधूरा है?
अपनी पसंद से न मिले प्यार तो
जीने के लिए कोई दूसरा है।
अपनी किस्मत में जो होना हो
उसे हमें अपनाना है।
असंतृप्त और असंतुष्ट मन को
हमें सरल बनाना होगा।
मन का तो क्या है भैया
मन तो बहुत चंचल है।
इसलिए घरवालों के प्यार से
हमें जिंदगी जीना ही है
नहीं भटकना प्यार की ख़ोज में
अपने अंतर्मन में प्यार को देखना है।
जो समझा जाये इस बातों को
जिंदगी में खुशियां आ जाती है।
- कौशिक दवे
- Kaushik Dave