धूप ने जैसे अंगारे बिछा दिए,
चुपचाप पसीने ने किस्से सुना दिए।
तभी ठेले पे मुस्कराया एक जूस वाला,
गन्ने के जूस ने जैसे जन्नत के दरवाज़े दिखा दिए।
नींबू की बूँदें, बर्फ की ठंडी साजिश,
हर घूंट में छुपी एक मीठी सी खामोश फितरत।
गर्मी जितनी बेहया, उतना ही वफ़ादार ये जूस,
दोनों का रिश्ता — एक सज़ा, एक राहत।
तू गर्मी है तो वो तेरा सच्चा यार है,
तू तपती धूप है, तो वो ठंडी बहार है।
न शिकवा, न शिकायत… बस एक बात तय है,
गर्मी में गन्ने का जूस — सबसे बड़ी राहत है।
#loveforgannekajuice