क्या कभी लिखोगे वो तीन अल्फाज़ ?
सताता है हर रोज ये सवाल
काफी ना रहा अब ये रोज का काफिराना
बिना किसी इजाजत के
मिल रहा हर रोज ये अफसाना ,
न जाने क्यू हर तन्हाई हि आती है रास्ते मेरे
ये कौन सा जहां है यहा सब के होते हुए भी
ये दिल अबतक अकेला है ,
कुछ बातों को जानकर भी अंजान बनी रहती हु
शायद अबतक इस दिल को किसी की
तलाश है ,
हा बहोत सारी खामिया मुझ मे दिखती है
औरों को ,
हा लेकिन ना समझ है ये जो जान ना पाये
खूबियों को,
नही बनना है मुझे किसी के सपनोंकि शहजादी
मुझको प्यारी अभी मेरी आज़ादी,
जो होगा यो पहचान लेगा मुझे
मेरी खामिया खूबियों के साथ ,
अपनायेगा मेरी आज़ादी और सपनो के साथ
निभाएगा जो जीवन भर हर फेरों का साथ.......

Piya 🖤

English Quotes by Piya : 111859849

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