वो ऐसी वो वैसी, भगवान ही जाने, वो असलियत में है कैसी। एक पहेली अनसुलझी, एक कशिश, जिसमें पूरी दुनिया उलझी। कितने नामों से पुकारु उसे, हर रिश्ते की डोर उसी पे खत्म और वही से शुरू।

Hindi Good Morning by Veena : 111790468
SHUBHAM SONI 2 year ago

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now