कभी भी न मुँह से  लगाने की दुनिया,
हमे मत दिखाओ  दिखावे की दुनिया।
हमे  क्या है  तास  और  पत्ते से  लेना?
झूठी  तकदीरे  आज़माने की  दुनिया।
जो भी  ज़ख्म  जाने  वो ही  दर्द जाने,
बुढ़ापा  ही  जाने  बुढ़ापे  की  दुनिया।
यही ख्याल रखना दुखे दिल कभी ना,
है दुल्हन सी प्यारी सजाने की दुनिया।
तू है अक्ष   मिट्टी के  मटके की  खुश्बू,
खतम अब  हुई है  तमाशे की  दुनिया।
- अक्षय धामेचा