प्यार मैंने भी किया था, साथ मैने भी दीया था।
पहला प्यार जान के दूर तक जाने का वादा मैने भी किया था।
बातें थी, बातों की वजह भी थी,
दूर रहकर प्यार का दर्द मैंने भी सहा था।
पहली बार नही है कि हम यु रूठे हैं उनसे,
मनाने का व्यव्हार हमनें भी किया था।
छोड दिया हैं मैंने उसे या उसने मुजे छोड़ा था,
वख्त क़े ख़ातिर युद्ध यूँही छिड़ा था।
नहीं मांगी थी मैने दौलत उसके खजाने से,
वख्त ही तो मांगा था रूठ कर यू जमाने से।
कर नही सकती थी ओर अब यु दूर हो के पास आना,
सेह नहीं सकती थीं उनसे यू दूरियां बढ़ाना।
कुछ तो बात होंगी प्यार में जो इतना आगे बढ़ा था,
लेकिन नसीब को मेरे मैने भगवान के भरोसे छोड़ा था।
दूसरा कोई मिलेंगा अगर तो बात येही बतानी हैं,
पेहले प्यार में वख्त की कमी ही हमारी लड़ाई हैं।
तुम अगर निभा सको तो ही बात आगे बढाना;
वख्त अगर दे सको तो ही प्यार जताना;
वरना नहीं चाहिये दूसरा मुजे पेहले जैसा ,
बस येही कहूंगी वख्त के बिना कोई भी मेरे पास मत आना......
मेरे पास मत आना।।।।।।
-PRINJAL