चार मित्र आपस में खेल रहे थे। उम्र यही कोई 14-15 वर्ष। तभी उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई; कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे?

एक मित्र बोला, " मेरे पिताजी डॉक्टर हैं, निश्चित ही वो मुझे भी डॉक्टर बनायेंगे।"

दूसरा मित्र बोला, " मेरे पिताजी दुकान चलाते हैं ,वे मुझे भी अपनी दुकान का सारा काम सीखा देंगे।"

तीसरा मित्र बोला, " मेरे पिताजी व्यापार का काम करते हैं, बड़ा होकर मैं भी व्यापरी बनूँगा।"

अब बारी आई चौथे मित्र की जो अब तक उन तीनों की बातें शान्ति और गम्भीरता से सुन रहा था। जिसे धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, ने कहना शुरू किया, " मैं अपना #भाग्य खुद बनाऊँगा...।"

#भाग्य

Hindi Blog by Prem Nhr : 111446372
Prem Nhr 4 year ago

आपको बहुत - बहुत धन्यवाद 🙏🙏👍👍

Prem Nhr 4 year ago

आपका बहुत-बहुत आभार।

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