hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 5

    (समय शाम के 7:00 बजे सुनामी और रंजीत अपने कमरे में बैठे हुए हैं, और आपस में बाते...

  • वह अजीब स्त्री

    वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा ले...

  • भेड़िये

    भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झी...

ईश्वर चुप है - 1 By Neela Prasad

ईश्वर चुप है नीला प्रसाद (1) रंजना मंदिर की सीढ़ियां चढ़ती ठिठक रही है। ईश्वर से उसका रिश्ता बहुत पेचीदा होता जा रहा है। उसे इस रिश्ते को रेशे - रेशे कर समझने का मन होता है। हर बार...

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बुरी औरत हूँ मैं - 2 By Vandana Gupta

बुरी औरत हूँ मैं (2) “ मिस्टर ! तुम चिंता मत करो, मैं खुद देख लूंगी मुझे क्या करना है और देखो तुमने मेरा बहुत टाइम वेस्ट कर दिया है, मुझे लगता है मुझे चलना चाहिए, कभी मेरी जरूरत सम...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 5 By Uday Veer

(समय शाम के 7:00 बजे सुनामी और रंजीत अपने कमरे में बैठे हुए हैं, और आपस में बातें कर रहे हैं) सुनामी:- अच्छा हुआ जो उस मनहूस को भगा दिया यहां से, अब तू देखना, मैं कैसे धूमधाम से ते...

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वह अजीब स्त्री By virender bhatia

वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा लेने की जिद के साथ उसके पीछे लगा था। लेकिन शादी उसने एक बहुत साधारण इंसान से की जिसका ना धर्म मेल खाता...

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नियति का खेल By Monika

जितने भी परिवर्तन ना हो जाए परंतु मुझे ऐसा लगता है स्त्री का संघर्ष जीवन में कभी नहीं खत्म होता या खत्म होता है तो उसके जीवन रेखा खत्म होने के बाद पुरुष को हमेशा सर्वोत्तम आंका जात...

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रिक्शेवाली चाची By Mohit Trendster

“डॉक्टर ने तेरी चाची के लिए क्या बताया है?” मनोरमा ने अपनी देवरानी सुभद्रा के बारे में अपनी 17 वर्षीय बेटी दिव्या से पूछा। “मेजर डिप्रेशन बताया है।” मनोरमा ने तंज कसा, “हाँ, उस झल्...

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उसका आकाश By Pushpa Saxena

“आप पहिचान नहीं रहे हैं, यह वही लड़की है, जिसके साथ मैने विवाह किया था और आपने उसके लिए अपशब्द कह कर घर में उसका प्रवेश निषिद्ध कर दिया था. आपकी जिन्दगी के लिए मै ने उसे खो दिया थ...

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आघात - 35 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 35 लगभग एक वर्ष पश्चात् एक दिन अचानक एक अप्रत्याशित घटना ने पूजा के जीवन की धारा बदलकर उसके दिशाहीन दाम्पत्य-जीवन को एक नयी दिशा प्रदान कर दी। उस दिन रणवीर को...

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खेल ----आखिर कब तक ? - 2 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

खेल ----आखिर कब तक ? (2) सुनते ही आरती की छठी इंद्रिय सचेत हो उठी, एक तिलमिलाहट ने उसके अन्तस को झकझोर दिया, एक साया सा उसकी आँखों के आगे से आकर गुजर गया, अपनी बनायी हद की बेडियाँ...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) -अध्याय-15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 By DILIP UTTAM

-----अध्याय १५."केवल नौकरानी नहीं |"----- शादी बाद आज भी अधिकतर नारी को नौकरानी ही बनना पड़ता है क्यों? ------- हर स्त्री जो बीमार होते हुए बेटा या पति के रहते हुए काम करे, बेटा...

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बेनाम आशिक। By सुप्रिया सिंह

जिंदगी के ५०बे वसंत पार कर चुकी मैं यानी सुलभा ...जिंदगी कट रही थी । एक रूटीन में होता है न हम औरतो में ..बंध जाता है मन ..सुबह संजय की बेड टी से शुरू होती फिर नाश्ता उनका ऑफिस और...

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भेड़िये By Roop Singh Chandel

भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झीनी धोती के ऊपर एक पुरानी चादर लपेट रखी थी, लेकिन रह-रहकर हवा के तेज झोंके आवारा कुत्ते की तरह दौड़ते...

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जहां लौट नहीं सकते By Jaishree Roy

जहां लौट नहीं सकते पारे की चमकीली बूंदों की तरह सुबह की धूप छत की मुंडेर पर बिखरी है। सर्दी की एक खूब उजली, धुली सुबह! देखते हुये वह सुख की अनुभूति से भर उठी थी- ये उसकी दुनिया है!...

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लव योर सेल्फ मम्मा By Dr Vinita Rahurikar

लव योर सेल्फ मम्मा किचन में मीनू के लिए मठरियाँ तलती अनुभा की आँखें बार-बार भर आ रही थीं. लेकिन मीनू के आसपास मंडराते रहने के कारण वह अपने आपको जब्त कर लेती और आँसुओं को आँखों में...

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साक्षात्कार - 2 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

साक्षात्कार नीलम कुलश्रेष्ठ (2) उसे अपनी एक मित्र सिन्धु से जानकारी है जो इनके यहाँ काम कर चुकी है कि हर पाँचवें छठे महीने इनका विदेश टूर लगता रहता है. हर बात को वे विदेशी नज़रिये स...

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यादें - (पुरानी यादों का दर्द) - 2 By Uday Veer

कुछ धटनाऐ अचानक से धटित हो जाती है जिनके बारे मे हमने सोचा भी नहीं होता ऐसी ही एक धटना आपके लिए लेकर आ रहा हूँ जो कि बिलकुल सच्ची घटना है...रात को लगभग 9 बजे तीनो लोग(वीर, लक्ष्मण...

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भेड़ियों का पोशम्पा By Seema Sharma

भेड़ियों का पोशम्पा सीमा शर्मा भेड़ियों का झुंड दनदनाता हुआ आया और लाश के चारों ओर गोल-गोल चक्कर काटने लगा। उनमें से एक ने लाश को सूँघा। अचानक उसने नाक सिकोड़ ली। जैसे दुर्गंध लगी...

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नीला आकाश - 2 By Niraj Sharma

नीला आकाश (2) "क्या नाम है तुम्हारा?" "जी, नी...ला" झिझकते हुए धीरे से कहा उसने। "आओ बैठो।" वह सिकुड़ी-सी पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी। "तुम्हें इस तरह शर्माते हुए देखकर मुझे आश्चर्य ह...

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सनातन By Neelam Kulshreshtha

सनातन नीलम कुलश्रेष्ठ तब गाँधी जी के बंदरों की लोग अक्सर चर्चा करते थे, किस तरह वे सन्देश देतें हैं -`बुरा मत देखो `,बुरा मत सुनो `,बुरा मत कहो `. तब भी कौन सब ये बात मानते ही थे ?...

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रचयिता By Neelam Kulshreshtha

रचयिता नीलम कुलश्रेष्ठ ये शिक्षा संस्थान ओजस्विता का गढ़ है। इसके निदेशक भारतीय संस्कृति के पुजारी हैं। वे कुछ नया करने के जूनून में वे ये घोषणा करते हैं कि जल्दी ही इस संस्थान के क...

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एक तरफ़ा प्यार By preeti

एकतरफ़ा प्यार उत्तर यानी प्यार का अंत तीन सही कहा ना प्यार प्यार प्यार हवास क्या आप अपनी लड़कियों को बाहर भेजना चाहेंगे इतनी सुन्दर लड़कियाँ और आपने उनको घर में रखा है ये तो आपका न...

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फुलवा By Vandana Bajpai

फुलवा उफ़ ! अभी तक महारानी नहीं आयीं, घडी देखते हुए मेरे मुँह से स्वत: निकल गया | सुबह का समय वैसे भी कामकाजी औरतों के लिए बहुत कठिन होता है, एक हाथ और दस काम, क्या –क्या करें? आखिर...

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कुक बुक By shilpi krishna

"ये तो कुछ नही कर सकती , किसी भी काम कि नही है , बाज़ार से अकेले सब्जी भी नही ला सकती मेरी हेल्प के बिना , सच भाभी आप कितनी स्मार्ट और सुन्दर...

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ईश्वर चुप है - 1 By Neela Prasad

ईश्वर चुप है नीला प्रसाद (1) रंजना मंदिर की सीढ़ियां चढ़ती ठिठक रही है। ईश्वर से उसका रिश्ता बहुत पेचीदा होता जा रहा है। उसे इस रिश्ते को रेशे - रेशे कर समझने का मन होता है। हर बार...

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बुरी औरत हूँ मैं - 2 By Vandana Gupta

बुरी औरत हूँ मैं (2) “ मिस्टर ! तुम चिंता मत करो, मैं खुद देख लूंगी मुझे क्या करना है और देखो तुमने मेरा बहुत टाइम वेस्ट कर दिया है, मुझे लगता है मुझे चलना चाहिए, कभी मेरी जरूरत सम...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 5 By Uday Veer

(समय शाम के 7:00 बजे सुनामी और रंजीत अपने कमरे में बैठे हुए हैं, और आपस में बातें कर रहे हैं) सुनामी:- अच्छा हुआ जो उस मनहूस को भगा दिया यहां से, अब तू देखना, मैं कैसे धूमधाम से ते...

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वह अजीब स्त्री By virender bhatia

वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा लेने की जिद के साथ उसके पीछे लगा था। लेकिन शादी उसने एक बहुत साधारण इंसान से की जिसका ना धर्म मेल खाता...

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नियति का खेल By Monika

जितने भी परिवर्तन ना हो जाए परंतु मुझे ऐसा लगता है स्त्री का संघर्ष जीवन में कभी नहीं खत्म होता या खत्म होता है तो उसके जीवन रेखा खत्म होने के बाद पुरुष को हमेशा सर्वोत्तम आंका जात...

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रिक्शेवाली चाची By Mohit Trendster

“डॉक्टर ने तेरी चाची के लिए क्या बताया है?” मनोरमा ने अपनी देवरानी सुभद्रा के बारे में अपनी 17 वर्षीय बेटी दिव्या से पूछा। “मेजर डिप्रेशन बताया है।” मनोरमा ने तंज कसा, “हाँ, उस झल्...

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उसका आकाश By Pushpa Saxena

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आघात - 35 By Dr kavita Tyagi

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खेल ----आखिर कब तक ? - 2 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) -अध्याय-15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 By DILIP UTTAM

-----अध्याय १५."केवल नौकरानी नहीं |"----- शादी बाद आज भी अधिकतर नारी को नौकरानी ही बनना पड़ता है क्यों? ------- हर स्त्री जो बीमार होते हुए बेटा या पति के रहते हुए काम करे, बेटा...

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बेनाम आशिक। By सुप्रिया सिंह

जिंदगी के ५०बे वसंत पार कर चुकी मैं यानी सुलभा ...जिंदगी कट रही थी । एक रूटीन में होता है न हम औरतो में ..बंध जाता है मन ..सुबह संजय की बेड टी से शुरू होती फिर नाश्ता उनका ऑफिस और...

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भेड़िये By Roop Singh Chandel

भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झीनी धोती के ऊपर एक पुरानी चादर लपेट रखी थी, लेकिन रह-रहकर हवा के तेज झोंके आवारा कुत्ते की तरह दौड़ते...

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जहां लौट नहीं सकते By Jaishree Roy

जहां लौट नहीं सकते पारे की चमकीली बूंदों की तरह सुबह की धूप छत की मुंडेर पर बिखरी है। सर्दी की एक खूब उजली, धुली सुबह! देखते हुये वह सुख की अनुभूति से भर उठी थी- ये उसकी दुनिया है!...

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लव योर सेल्फ मम्मा By Dr Vinita Rahurikar

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साक्षात्कार - 2 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

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भेड़ियों का पोशम्पा By Seema Sharma

भेड़ियों का पोशम्पा सीमा शर्मा भेड़ियों का झुंड दनदनाता हुआ आया और लाश के चारों ओर गोल-गोल चक्कर काटने लगा। उनमें से एक ने लाश को सूँघा। अचानक उसने नाक सिकोड़ ली। जैसे दुर्गंध लगी...

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नीला आकाश - 2 By Niraj Sharma

नीला आकाश (2) "क्या नाम है तुम्हारा?" "जी, नी...ला" झिझकते हुए धीरे से कहा उसने। "आओ बैठो।" वह सिकुड़ी-सी पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी। "तुम्हें इस तरह शर्माते हुए देखकर मुझे आश्चर्य ह...

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सनातन By Neelam Kulshreshtha

सनातन नीलम कुलश्रेष्ठ तब गाँधी जी के बंदरों की लोग अक्सर चर्चा करते थे, किस तरह वे सन्देश देतें हैं -`बुरा मत देखो `,बुरा मत सुनो `,बुरा मत कहो `. तब भी कौन सब ये बात मानते ही थे ?...

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रचयिता नीलम कुलश्रेष्ठ ये शिक्षा संस्थान ओजस्विता का गढ़ है। इसके निदेशक भारतीय संस्कृति के पुजारी हैं। वे कुछ नया करने के जूनून में वे ये घोषणा करते हैं कि जल्दी ही इस संस्थान के क...

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एक तरफ़ा प्यार By preeti

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फुलवा By Vandana Bajpai

फुलवा उफ़ ! अभी तक महारानी नहीं आयीं, घडी देखते हुए मेरे मुँह से स्वत: निकल गया | सुबह का समय वैसे भी कामकाजी औरतों के लिए बहुत कठिन होता है, एक हाथ और दस काम, क्या –क्या करें? आखिर...

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कुक बुक By shilpi krishna

"ये तो कुछ नही कर सकती , किसी भी काम कि नही है , बाज़ार से अकेले सब्जी भी नही ला सकती मेरी हेल्प के बिना , सच भाभी आप कितनी स्मार्ट और सुन्दर...

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