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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 10

    स्थान चम्बल का बीहड़, अर्जुन आकर खबर देता है कि पुलिस जंगल में घुस चुकी है रूद्र...

  • वह अजीब स्त्री

    वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा ले...

  • भेड़िये

    भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झी...

कृष्णा - भाग-१ By Saroj Prajapati

"अरे बहू रोटी ना बनी के अभी तक! अंधेरा घिरने को आया! तुझे पता है ना! मुझे सूरज छिपते ही खाने की आदत है!" "अम्मा वो उपले गीले थे ना इसलिए आंच जल ही ना रही थी। मैं तो इतनी देर से लगी...

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एक विधवा और एक चाँद - 3 - अंतिम भाग By Neela Prasad

एक विधवा और एक चाँद नीला प्रसाद (3) ये चाँद कोई भ्रम तो नहीं! अजित और मान्या कुर्सियों पर बैठ गए- आमने-सामने। ओह! अजित उसके ठीक बगल में उसका हाथ अपने हाथों में लेकर क्यों नहीं बैठत...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 10 By Uday Veer

स्थान चम्बल का बीहड़, अर्जुन आकर खबर देता है कि पुलिस जंगल में घुस चुकी है रूद्र:- शायद पुलिस वाले यह भूल गए कि चम्बल के बीहड़ में आने का रास्ता तो आसान है, लेकिन जाने के लिए, मौत...

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ईश्वर चुप है - 4 - अंतिम भाग By Neela Prasad

ईश्वर चुप है नीला प्रसाद (4) ‘सॉरी मम्मा... पर मेरी भी तो सोचो। मैं नहीं मान पाती कि पापा जिंदा हैं। अब मुझे पापा को जिंदा मानना नाटक जैसा लगता है। आन्या तो आपसे लिपट सकती है, आपके...

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बुरी औरत हूँ मैं - 4 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

बुरी औरत हूँ मैं (4) अब जरूरत थी एक सिरा पकड़ने की. पहले नौकरी की व्यवस्था करनी जरूरी थी इसलिए अपनी पुरानी कम्पनी में ही जाकर दरख्वास्त लगाई तो उन्होंने हाथों हाथ मुझे ले लिया शायद...

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छना ------ क By Neelam Kulshreshtha

"छना ------ क" "ले ------ डी आर यु अ पार्लर लेडी ?" पूछने वाली तीखे नैन नक्श वाली इक्कीस बाईस वर्ष की एक लम्बी गोरी लड़की थी. तब मैं उस हॉल के ग्रीन रूम के दरवाज़े पर ठिठक गयी थी, थ...

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वह अजीब स्त्री By virender bhatia

वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा लेने की जिद के साथ उसके पीछे लगा था। लेकिन शादी उसने एक बहुत साधारण इंसान से की जिसका ना धर्म मेल खाता...

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नियति का खेल By Monika

जितने भी परिवर्तन ना हो जाए परंतु मुझे ऐसा लगता है स्त्री का संघर्ष जीवन में कभी नहीं खत्म होता या खत्म होता है तो उसके जीवन रेखा खत्म होने के बाद पुरुष को हमेशा सर्वोत्तम आंका जात...

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रिक्शेवाली चाची By Mohit Trendster

“डॉक्टर ने तेरी चाची के लिए क्या बताया है?” मनोरमा ने अपनी देवरानी सुभद्रा के बारे में अपनी 17 वर्षीय बेटी दिव्या से पूछा। “मेजर डिप्रेशन बताया है।” मनोरमा ने तंज कसा, “हाँ, उस झल्...

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उसका आकाश By Pushpa Saxena

“आप पहिचान नहीं रहे हैं, यह वही लड़की है, जिसके साथ मैने विवाह किया था और आपने उसके लिए अपशब्द कह कर घर में उसका प्रवेश निषिद्ध कर दिया था. आपकी जिन्दगी के लिए मै ने उसे खो दिया थ...

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आघात - 35 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 35 लगभग एक वर्ष पश्चात् एक दिन अचानक एक अप्रत्याशित घटना ने पूजा के जीवन की धारा बदलकर उसके दिशाहीन दाम्पत्य-जीवन को एक नयी दिशा प्रदान कर दी। उस दिन रणवीर को...

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खेल ----आखिर कब तक ? - 2 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

खेल ----आखिर कब तक ? (2) सुनते ही आरती की छठी इंद्रिय सचेत हो उठी, एक तिलमिलाहट ने उसके अन्तस को झकझोर दिया, एक साया सा उसकी आँखों के आगे से आकर गुजर गया, अपनी बनायी हद की बेडियाँ...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) -अध्याय-15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 By DILIP UTTAM

-----अध्याय १५."केवल नौकरानी नहीं |"----- शादी बाद आज भी अधिकतर नारी को नौकरानी ही बनना पड़ता है क्यों? ------- हर स्त्री जो बीमार होते हुए बेटा या पति के रहते हुए काम करे, बेटा...

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बेनाम आशिक। By सुप्रिया सिंह

जिंदगी के ५०बे वसंत पार कर चुकी मैं यानी सुलभा ...जिंदगी कट रही थी । एक रूटीन में होता है न हम औरतो में ..बंध जाता है मन ..सुबह संजय की बेड टी से शुरू होती फिर नाश्ता उनका ऑफिस और...

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भेड़िये By Roop Singh Chandel

भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झीनी धोती के ऊपर एक पुरानी चादर लपेट रखी थी, लेकिन रह-रहकर हवा के तेज झोंके आवारा कुत्ते की तरह दौड़ते...

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जहां लौट नहीं सकते By Jaishree Roy

जहां लौट नहीं सकते पारे की चमकीली बूंदों की तरह सुबह की धूप छत की मुंडेर पर बिखरी है। सर्दी की एक खूब उजली, धुली सुबह! देखते हुये वह सुख की अनुभूति से भर उठी थी- ये उसकी दुनिया है!...

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कृष्णा - भाग-१ By Saroj Prajapati

"अरे बहू रोटी ना बनी के अभी तक! अंधेरा घिरने को आया! तुझे पता है ना! मुझे सूरज छिपते ही खाने की आदत है!" "अम्मा वो उपले गीले थे ना इसलिए आंच जल ही ना रही थी। मैं तो इतनी देर से लगी...

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एक विधवा और एक चाँद - 3 - अंतिम भाग By Neela Prasad

एक विधवा और एक चाँद नीला प्रसाद (3) ये चाँद कोई भ्रम तो नहीं! अजित और मान्या कुर्सियों पर बैठ गए- आमने-सामने। ओह! अजित उसके ठीक बगल में उसका हाथ अपने हाथों में लेकर क्यों नहीं बैठत...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 10 By Uday Veer

स्थान चम्बल का बीहड़, अर्जुन आकर खबर देता है कि पुलिस जंगल में घुस चुकी है रूद्र:- शायद पुलिस वाले यह भूल गए कि चम्बल के बीहड़ में आने का रास्ता तो आसान है, लेकिन जाने के लिए, मौत...

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ईश्वर चुप है - 4 - अंतिम भाग By Neela Prasad

ईश्वर चुप है नीला प्रसाद (4) ‘सॉरी मम्मा... पर मेरी भी तो सोचो। मैं नहीं मान पाती कि पापा जिंदा हैं। अब मुझे पापा को जिंदा मानना नाटक जैसा लगता है। आन्या तो आपसे लिपट सकती है, आपके...

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बुरी औरत हूँ मैं - 4 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

बुरी औरत हूँ मैं (4) अब जरूरत थी एक सिरा पकड़ने की. पहले नौकरी की व्यवस्था करनी जरूरी थी इसलिए अपनी पुरानी कम्पनी में ही जाकर दरख्वास्त लगाई तो उन्होंने हाथों हाथ मुझे ले लिया शायद...

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छना ------ क By Neelam Kulshreshtha

"छना ------ क" "ले ------ डी आर यु अ पार्लर लेडी ?" पूछने वाली तीखे नैन नक्श वाली इक्कीस बाईस वर्ष की एक लम्बी गोरी लड़की थी. तब मैं उस हॉल के ग्रीन रूम के दरवाज़े पर ठिठक गयी थी, थ...

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वह अजीब स्त्री By virender bhatia

वह अजीब स्त्री लोग बताते हैं कि जवानी में वह बहुत सुन्दर स्त्री थी। हर कोई पा लेने की जिद के साथ उसके पीछे लगा था। लेकिन शादी उसने एक बहुत साधारण इंसान से की जिसका ना धर्म मेल खाता...

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नियति का खेल By Monika

जितने भी परिवर्तन ना हो जाए परंतु मुझे ऐसा लगता है स्त्री का संघर्ष जीवन में कभी नहीं खत्म होता या खत्म होता है तो उसके जीवन रेखा खत्म होने के बाद पुरुष को हमेशा सर्वोत्तम आंका जात...

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रिक्शेवाली चाची By Mohit Trendster

“डॉक्टर ने तेरी चाची के लिए क्या बताया है?” मनोरमा ने अपनी देवरानी सुभद्रा के बारे में अपनी 17 वर्षीय बेटी दिव्या से पूछा। “मेजर डिप्रेशन बताया है।” मनोरमा ने तंज कसा, “हाँ, उस झल्...

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उसका आकाश By Pushpa Saxena

“आप पहिचान नहीं रहे हैं, यह वही लड़की है, जिसके साथ मैने विवाह किया था और आपने उसके लिए अपशब्द कह कर घर में उसका प्रवेश निषिद्ध कर दिया था. आपकी जिन्दगी के लिए मै ने उसे खो दिया थ...

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आघात - 35 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 35 लगभग एक वर्ष पश्चात् एक दिन अचानक एक अप्रत्याशित घटना ने पूजा के जीवन की धारा बदलकर उसके दिशाहीन दाम्पत्य-जीवन को एक नयी दिशा प्रदान कर दी। उस दिन रणवीर को...

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खेल ----आखिर कब तक ? - 2 - अंतिम भाग By Vandana Gupta

खेल ----आखिर कब तक ? (2) सुनते ही आरती की छठी इंद्रिय सचेत हो उठी, एक तिलमिलाहट ने उसके अन्तस को झकझोर दिया, एक साया सा उसकी आँखों के आगे से आकर गुजर गया, अपनी बनायी हद की बेडियाँ...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) -अध्याय-15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 By DILIP UTTAM

-----अध्याय १५."केवल नौकरानी नहीं |"----- शादी बाद आज भी अधिकतर नारी को नौकरानी ही बनना पड़ता है क्यों? ------- हर स्त्री जो बीमार होते हुए बेटा या पति के रहते हुए काम करे, बेटा...

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बेनाम आशिक। By सुप्रिया सिंह

जिंदगी के ५०बे वसंत पार कर चुकी मैं यानी सुलभा ...जिंदगी कट रही थी । एक रूटीन में होता है न हम औरतो में ..बंध जाता है मन ..सुबह संजय की बेड टी से शुरू होती फिर नाश्ता उनका ऑफिस और...

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भेड़िये By Roop Singh Chandel

भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झीनी धोती के ऊपर एक पुरानी चादर लपेट रखी थी, लेकिन रह-रहकर हवा के तेज झोंके आवारा कुत्ते की तरह दौड़ते...

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जहां लौट नहीं सकते By Jaishree Roy

जहां लौट नहीं सकते पारे की चमकीली बूंदों की तरह सुबह की धूप छत की मुंडेर पर बिखरी है। सर्दी की एक खूब उजली, धुली सुबह! देखते हुये वह सुख की अनुभूति से भर उठी थी- ये उसकी दुनिया है!...

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